इंडियन आर्मी का फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल, जो जल्द बनकर होगा तैयार...

 

भारतीय सेना के लिए नया टैंक बनाया जाने वाला है इसका नाम फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल (FRCV) रूस और यूक्रेन की जंग में टैंकों और बख्तरबंद वाहनों की जो हालत हुई है, उसे देखते हुए इस टैंक की डिजाइन में बदलाव किया गया है।


इस टैंक में टॉप अटैक प्रोटेक्शन सिस्टम (TAPS)होगा। जो ऊपर से गिरने वाले बम, ड्रोन से क्रू को सुरक्षित रखेगा। इसके अलावा इसमें सॉफ्ट किट सिस्टम होगा। जो लेजर हमले को पहचानेगा रेंज खोजेगा। मिसाइल लॉन्च होते ही बता देगा। इसके अलावा इसमें हार्ड किल सिस्टम होंगे जो किसी भी तरह के हवाई हमले को हवा में ही मोड़ देंगे।

इस टैंक के चारों तरफ ऐसा कवच लगा होगा जो 15 किलोग्राम टीएनटी के बारूदी सुरंग को भी बर्दाश्त कर ले। साथ ही इस पर किसी भी तरह के बंदूक की गोलियों का असर नहीं होगा। इसके अलावा इसमें मॉड्यूलर ऑर्मर, एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर, नॉन-एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर भी लगे होंगे। ये मॉड्यूलर सिस्टम बारूदी सुरंगों को उखाड़ फेकेगा।

टैंक के अंदर इंस्टैंट फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम लगा होगा। जो आग लगने के 20 मिलिसेकेंड में एक्टीवेट हो जाएगा। इस टैंक के अंदर 4 लोग बैठेंगे। FRCV में लेजर वॉर्निंग सिस्टम, डायरेक्शनल स्मोक डिस्पेंसर जैसी सुविधाएं भी होंगी। यानी इस पर अगर कोई लेजर से निशाना लगाकर हमला करना चाहेगा तो क्रू को तुरंत पता चल जाएगा।


इसमें ऐसे सिस्टम लगे होंगे जो एकॉस्टिक, विजुअल, इंफ्रारेड, थर्मल और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरीके से पहचान करने वाली किसी भी प्रणाली को 50 फीसदी बेकार कर देंगे। इसके अलावा इसमें केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (CBRN)प्रोटेक्शन और वॉर्निंग सिस्टम लगे होंगे ताकि क्रू सही से काम कर सके।


टैंक के अंदर पूरी तरह से डिजिटाइज्ड प्लेटफॉर्म होगा। ताकि इंसान और मशीन में बेहतर सामंजस्य बैठ सके। इसके जरिए ही अनमैन्ड ग्राउंड व्हीकल, अनमैन्ड एरियल व्हीकल, ड्रोन्स, टेथर्ड ड्रोन्स को नियंत्रित किया जा सकेगा। इसमें अत्याधुनिक बैटलफील्ड मैनेजमेंट सिस्टम लगा होगा। साथ ही दोस्त और दुश्मन को पहचानने वाली तकनीक होगी। जिसे आइडेंटिफिकेशन ऑफ फ्रेंड ऑर फो कहते हैं।


टैंक में 360 डिग्री देखने की सुविधा होगी इसका कमांड, कंट्रोल, कम्यूनिकेशन, कंप्यूटर्स और इन्फॉर्मेशन सिस्टम (C4I) इसे और बेहतरीन बना देगा। इसकी बैरल यानी नली 120 मिलिमीटर की होगी। जिसमें से कई तरह के हथियार दागे जा सकेंगे चाहे टारगेट कहीं रुका हो या फिर चल रहा हो।