जनसंख्या विस्फोट से धरती खतरे में, कब रुकेगा यह विस्फोट 

संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट कहती है कि मंगलवार को जनसंख्या 8 अरब हो गई। वैश्विक जनसंख्या 2030 तक करीब 8.5 अरब, 2050 तक 9.7 अरब और 2100 तक 10.4 अरब तक पहुंच सकती है।

 

विश्व की जनसंख्या 1974 में 4 अरब ही थी, जो अब 8 अरब के पार हो गई है। 1950 में तो विश्व की जनसंख्या महज ढाई अरब ही थी। 2086 ऐसा साल होगा, जब इस विश्व में 10.6 अरब के पार इंसानों की जनसंख्या हो जाएगी। 

World population: विश्व की जनसंख्या आज बढ़कर 8 अरब हो गई है। आज मानव सभ्यता इतना बड़ा परिवार हो गया है कि आने वाली सालों में खाद्यान्न समेत तमाम जरूरतों की किल्लत भी देखने को मिल सकती है।

जबकि, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इसी सदी में एक दौर ऐसा भी आएगा, जब जनसंख्या की ग्रोथ स्थिर हो जाएगी और फिर गिरावट भी देखने को मिलेगी। लेकिन बीते 48 सालों में जनसंख्या में जो इजाफा हुआ है, वह चौंकाने वाला है।

विश्व की जनसंख्या 1974 में 4 अरब ही थी, जो अब 8 अरब के पार हो गई है। 1950 में तो विश्व की जनसंख्या महज ढाई अरब ही थी। यही नहीं 2086 ऐसा साल होगा, जब इस विश्व में 10.6 अरब के पार इंसानों की जनसंख्या हो जाएगी। 

आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो सबसे ज्यादा जनसंख्या अब भी 142 करोड़ के साथ चीन की है और दूसरे नंबर पर भारत है, जिसकी जनसंख्या 141 करोड़ है।

कहा जा रहा है कि जिस गति से भारत की जनसंख्या बढ़ रही है, उसके मुताबिक 2023 में वह चीन को भी इस मामले में पीछे छोड़ देगा।

हालांकि 2050 के आसपास से जनसंख्या की ग्रोथ स्थिर होगी और फिर कमी भी देखने को मिलेगी। यही वजह है कि भारत, चीन समेत विश्व के कई देशों में आने वाले दशकों में युवा जनसंख्या घटने की आशंका जताई जा रही है, जिसका वर्कफोर्स पर विपरीत असर देखने को मिल सकता है। 

विश्व के कई देशों में थमी जनसंख्या की रफ्तार

दरअसल विश्व के कई देशों में पहले से ही जनसंख्या की ग्रोथ रेट रिप्लेसमेंट लेवल यानी 2.1 से भी कम हो गई है। कहा जा रहा है कि पूरी विश्व की जनसंख्या की ग्रोथ रेट ही 2055 तक 2.1 यानी रिप्लेसमेंट लेवल तक रह जाएगी।

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक जनसंख्या में सबसे अधिक इजाफा 2012 से 2014 के दौरान हुआ है। इस दौरान 14 करोड़ से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ था। कहा जा रहा है कि कुछ उतार-चढ़ाव के साथ ही 2043 से जनसंख्या बढ़ने की दर में गिरावट देखी जा सकती है।

अब तक जनसंख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, लेकिन अब अगले एक अरब लोगों के जनसंख्या में जुड़ने में 12 सालों का वक्त लगेगा। 

चीन और भारत नहीं, अब इन देशों में तेजी से बढ़ेगी जनसंख्या

जनसंख्या से जुड़े मामलों की समझ रखने वालों का कहना है कि मृत्यु दर में कमी की वजह से भी जनसंख्या में इजाफा हो रहा है। बीते करीब 70 सालों में विश्व की जनसंख्या बढ़ाने में चीन और भारत का अहम योगदान रहा है। इन दोनों देशों की जनसंख्या ही मिला लें तो यह करीब 2.80 अरब हो जाती है।

लेकिन आने वाले वक्त में भारत और चीन की ग्रोथ में कमी देखने को मिलेगी। कहा जा रहा है कि 21वीं सदी के आखिरी दशकों में भारत और चीन की बजाय अफ्रीकी देशों में जनसंख्या तेजी से बढ़ेगी। इन देशों में तंजानिया, नाइजीरिया और कॉन्गो शामिल होंगे। 

जनसंख्या बढ़ने की दर पर नजर दौड़ाएं तो विश्व में मनुष्यों की संख्या 1950 में ढाई अरब थी, जो अगले 10 सालों में बढ़कर 3 अरब हो गई। इसके बाद 1974 में 4 अरब हो गई। फिर अगले 13 सालों में यानी 1987 में यह आंकड़ा 5 अरब हो गया।

हालांकि अगला एक अरब यानी 6 करोड़ आंकड़ा होने में 12 साल ही लगे। फिर 2011 में दुनिया की जनसंख्या 7 अरब हो गई और अब आंकड़ा 11 सालों में 8 अरब के पार पहुंच गया है।

कहा जा रहा है कि आने वाले दशकों में जनसंख्या की ग्रोथ में थोड़ी स्थिरता आएगी और 2086 तक हमारी जनसंख्या 10.4 अरब तक पहुंच जाएगी।