दिन में 3 शिकार? इटली में मारा गया हैप्पी, रिंदा PAK में ढेर, बैंकॉक से लाया गया कुलविंदर

खालिस्तान पर प्रोपगैंडा फैलाने वालों को पिछले 72 घंटे में तगड़ा झटका लगा है।

 

खालिस्तान पर प्रोपगैंडा फैलाने वालों को पिछले 72 घंटे में तगड़ा झटका लगा है। इन तीन दिनों में देश के दो दुश्मन मारे गए हैं, जबकि एक को NIA ने अरेस्ट किया है।इसके साथ ही पंजाब में अशांति फैलाने वालों का मंसूबा धरा रह गया है।

 

पाकिस्तान, पंजाब, कनाडा समेत दुनिया के कई देशों में खालिस्तान-खालिस्तान चिल्ला रहे आतंकियों को बड़ा झटका लगा है। पिछले 72 घंटे में खालिस्तान टेरर से जुड़े तीन बड़े नाम पर करारा प्रहार किया गया है। इनमें से तो 2 लोग मारे गए हैं जबकि एक को भारत की प्रीमियम जांच एजेंसी NIA ने शिकंजे में लिया है।

 

भारत के खिलाफ प्रोपगैंडा फैला रहे, भारतीय हितों को नुकसान पहुंचा रहे ये तीन गैंगस्टर हैं हरविंदर सिंह रिंदा, हैप्पी संघेरा और कुलविंदर सिंह खानपुरिया।

 

हरविंदर सिंह रिंदा की मौत पाकिस्तान के लाहौर में एक अस्पताल में हुई है। हैप्पी संघेरा इटली में मारा गया है और कुलविंदर सिंह खानपुरिया को बैकॉक से फंसाकर दिल्ली लाया गया, यहां एयरपोर्ट पर ही उसे NIA ने दबोच लिया।

भारत की खुफिया एजेंसियों का दावा है कि आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा की मौत किडनी फेल होने से हुई है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार रिंदा की मौत ड्रग्स ओवरडोज की वजह से हुई है।

रिंदा को ड्रग्स किसने दी? इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है और इसे लेकर अलग अलग कयास लगाए जा रहे हैं। पाकिस्तान में बैठा रिंदा, लगातार भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। भारत में रिंदा की मौत की खबर 19 नवंबर को आई।

रिंदा, प्रतिबंधित संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का सदस्य था। उसका नाम पंजाब पुलिस मुख्यालय पर हुए RPG अटैक और शिवसेना नेता की हत्या के मामले में सामने आया था। 35 साल का आतंकी रिंदा गैंगस्टर्स और पाकिस्तानी आतंकवादी ग्रुप्स के बीच कड़ी के रूप में काम करता था।

जांच एजेंसियों ने उसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था क्योंकि वो ड्रग्स और हथियारों की सीमा पार से बड़े पैमाने पर तस्करी में शामिल था। A प्लस कैटेगरी का मोस्ट वांटेडपुलिस ने आतंकी रिंदा को मोस्ट वांटेड "A प्लस कैटेगरी" का गैंगस्टर घोषित कर रखा था।

देश के कई राज्यों की पुलिस जैसे महाराष्ट्र, चंडीगढ़, हरियाणा और पश्चिम बंगाल, रिंदा को तलाश रही थी। रिंदा की मौत के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने डबल गेम खेलना शुरू कर दिया है।

एक फेसबुक पोस्ट के जरिए कथित रूप से रिंदा दावा कर रहा है कि वो जिंदा है और उसकी मौत की खबर अफवाह है। इंडियन एजेंसियां इस पोस्ट की सच्चाई पता करने में जुटी हैं। ISI कभी यह नहीं मानेगा कि खालिस्तानी आतंकी रिन्दा पाकिस्तान में रह रहा था। इटली में मारा गया हैप्पी संघेरा

72 घंटे में खालिस्तान को दूसरी चोट की कहानी की कड़ी यूरोपीय देश इटली में जाकर जुड़ती है। ISI के पनाह पर पल रहे रिंदा की मौत के बाद रविवार को खबर आई कि गैंगस्टर हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी संघेरा इटली में मारा गया है।

रिंदा की मौत की तरह हैप्पी संघेरा की मौत पर भी भारतीय खुफिया एजेंसियां चुप हैं। पंजाब के गौरव यादव ने इन गैंगस्टरों की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें मीडिया से ही इस बारे में जानकारी मिली है।

आतंकी लखबीर सिंह लांडा कनाडा में छिपा है। हैप्पी की मौत पर खालिस्तानी आतंकियों का भी कोई बयान नहीं आया है। जो आम तौर पर ऐसी खबरों का खंडन करने में पीछे नहीं हटते हैं।

इस बीच इस कत्ल में एंट्री हुई पंजाब के एक दूसरे गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा की। लखबीर सिंह लांडा पंजाब से भागकर कनाडा में छिपा है। लखबीर सिंह खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा के साथ मिलकर ISI के इशारे पर काम करता था।

लखबीर ने दावा किया कि उसने इटली में गैंगस्टर हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी का मर्डर करवा दिया है। बता दें कि हरप्रीत उर्फ हैप्पी इंडियन एजेंसीज का वांटेड है।

लखबीर सिंह लांडा ने सोशल मीडिया पर लिखा है की हरप्रीत सिंह दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और RAW के लिए मुखबिरी कर रहा था इसलिए उसकी मैने हत्या करवा दी है।

72 घंटे में तीसरे प्रहार का तीसरा किरदार खानपुरिया 72 घंटे में तीसरे प्रहार का तीसरा किरदार कुलविंदरजीत सिंह उर्फ खानपुरिया है। आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच करने वाली भारत की एजेंसी NIA ने कुलविंदरजीत सिंह को दिल्ली एयरपोर्ट पर दबोचा।

NIA ने इसकी गिरफ्तारी 18 नवंबर को बताई है। कुलविंदरजीत सिंह उर्फ खानुपरिया 2019 से फरार था। जांच एजेंसियां कई मामलों में उसकी तलाश कर रही थी। इसमें पंजाब में टारगेटेड किलिंग भी शामिल है।

उस पर दिल्ली के कनॉट प्लेस में भी धमाके का आरोप है। इसके अलावा 90 के दशक में वह कुछ राज्यों में ग्रेनेड धमाके भी कर चुका है। जांच से पता चला है कि डेरा सच्चा सौदा से जुड़े प्रतिष्ठानों के साथ-साथ पंजाब में पुलिस और सुरक्षा से जुड़े प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर भारत में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश के पीछे कुलविंदरजीत उर्फ खानपुरिया मुख्य साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड है।

इसके अलावा वह पंजाब और पूरे देश में आतंक पैदा करने के उद्देश्य से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड, चंडीगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों को भी निशाना बना रहा था। उन्होंने कुछ टारगेट की टोह भी ली थी।

NIA की अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा है। NIA ने उस पर 5 लाख रुपये का इनाम रखा था। कुलविंदरजीत सिंह बैंकॉक से भारत कैसे आया? क्या वो किसी मिशन पर आया था?

या उसे ट्रैप कर यहां लाया गया। इस पर अभी कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है लेकिन 72 घंटों में तीन बड़े चोट से खालिस्तान का प्रोपगैंडा चला रहे ताकतों को तगड़ा झटका लगा है।