कौन करेगा नए संसद भवन का उद्घाटन?, संसद की नई बिल्डिंग के उद्घाटन समारोह पर विपक्ष के 19 दलों ने किया बायकॉट

 

28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है। 19 राजनीतिक दलों ने कार्यक्रम का संयुक्त रूप से बहिष्कार कर दिया उन्होंने बिल्डिंग का उद्घाटन करने पर PM को निशाना बनाया। वह इसे राष्ट्रपति का अपमान बता रहे हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। इस कार्य के लिए संसद के दोनों सदनों, राज्यसभा और लोकसभा ने 5 अगस्त 2019 को आग्रह किया था। नई संसद को बनाने का टेंडर टाटा प्रोजेक्ट को साल 2020 के सितंबर में दिया गया था। इसकी लागत 1,200 करोड़ रुपये में हुई हैचलते यह। 


चार मंजिला संसद भवन में सदस्यों के लिए लाउंज, पुस्तकालय, समिति कक्ष के साथ ही पार्किंग के लिए भी पर्याप्त जगह होगी. संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 माननीय सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 जबकि राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है।

राष्ट्रपति को न बुलाने पर विपक्ष ने घेरा


- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था- नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं!

-AAP ने आरोप लगाया कि संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को न बुलाकर बीजेपी ने आदिवासियों और पिछले समुदायों का अपमान किया है। AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी दलित, पिछड़ों और आदिवासियों की जन्मजात विरोधी है। उन्होंने ट्वीट किया- BJP दलितों पिछड़ों आदिवासियो की जन्मजात विरोधी है।

-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया था- संविधान के अनुच्छेद 60 और 111 यह स्पष्ट करते हैं कि राष्ट्रपति संसद का प्रमुख होता है और इसलिए उन्हे ही नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए।

- AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद का उद्घाटन क्यों करना चाहिए? वह कार्यपालिका के प्रमुख हैं, विधायिका के नही के नहीं, हमारे पास शक्तियों बंटवारा है। माननीय लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति उद्घाटन कर सकते हैं. यह जनता के पैसे से बना है, पीएम ऐसा व्यवहार  क्यों कर रहे हैं, जैसे उनके 'दोस्तों' ने अपने निजी फंड से इसे स्पांसर किया है?

- टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा, हम नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले पीएम के विरोध में हैं। राष्ट्रपति को इसका उद्घाटन करना चाहिए।

28 मई की तारीख पर भी उठाए सवाल

-कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने उद्घाटन की तारीख पर भी सवाल उठाए हैं। दरअसल 28 मई को वीर सावरकर की जयंती है। उनका जन्म 28 मई 1883 को हुआ था इस साल 28 मई को उनकी 140वीं जयंती मनाई जाएगी।

- टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि उद्घाटन कार्यक्रम या तो स्वतंत्रता दिवस, या गणतंत्र दिवस, या गांधी जयंती पर आयोजित किया जाना चाहिए था न कि वीडी सावरकर की जयंती पर।

-कांग्रेस का कहना है कि 28 मई को हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है, इसी दिन नए संसद भवन का उद्घाटन करना राष्ट्र निर्माताओं का अपमान है।


बीजेपी ने किया पलटवार

- बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस को 'बेकार' बताते हुए कहा, 'वीर सावरकर हर भारतीय की शान हैं। जो लोग तारीख पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बता दें कि वे महत्वहीन हैं, वीर सावरकर के चरणों की धूल के लायक भी नहीं हैं।

- केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा- कांग्रेस की आदत है कि जहां नहीं होता हैं, वहां विवाद खड़ा कर देती है। राष्ट्रपति देश के प्रमुख होते तो वहीं प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं, सरकार की ओर से संसद का नेतृत्व करते हैं, जिनकी नीतियां कानून के रूप में लागू होती हैं। राष्ट्रपति किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं जबकि पीएम हैं।