महिला सुरक्षा को लेकर दिल्ली सरकार का बड़ा कदम, गलियों और नुक्कड़ों में लगाईं लाखों स्ट्रीट लाइट्स

Delhi government's big step for women's safety, lakhs of street lights installed in streets and nooks
 

महिला सशक्तिकरण की दिशा में नए मापदंड स्थापित कर चुकी दिल्ली सरकार ने महिला सुरक्षा के प्रति अब तक का सबसे बड़ा और क्राँतिकारी कदम उठाया है। दिल्ली में चलाई जा रही स्ट्रीट लाइट योजना जोरों पर है। इस योजना के तहत कॉलोनियों, झुग्गी बस्तियों और अँधेरी-सुनसान गलियों में स्ट्रीट लाइट की सुविधा दी जा रही है। 

 

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में दिल्ली सरकार ने सभी डार्क स्पॉट्स को स्ट्रीट लाइट से रोशन किया है। मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना के तहत दिल्ली सरकार ने शहर भर में लगभग 2 लाख से अधिक स्ट्रीट लाइट लगाकर महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को कम करने की दिशा में एक प्रभावी कदम उठाया है। 

यह जानकारी देश के अपने सोशल मीडिया मंच, कू ऐप पर दिल्ली सरकार के आधिकारिक हैंडल द्वारा दी गई है, जिसमें कहा गया है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार लगा रही है स्ट्रीट लाइट्स।

लाखों की संख्या में नागरिक और विशेष तौर पर महिलाओं को इससे बड़ा लाभ पहुँचा है। उपरोक्त पोस्ट के साथ ही एक वीडियो भी साझा की गई है, जिसमें कई महिलाओं ने स्ट्रीट लाइट्स लगने के पहले और बाद की स्थिति से रूबरू कराया है।  

ज्योति शर्मा का कहना है कि स्ट्रीट लाइट लगवाने से पहले जब मैं टू व्हीलर से घर आती थी, तो मुझे बहुत डर लगता था, क्योंकि सड़कों पर बहुत अँधेरा रहता था। लेकिन अब मुझे डर नहीं लगता है, क्योंकि शाम होते ही सड़कें रोशन हो जाती हैं। 

दीपिका भरद्वाज एक ट्यूशन टीचर हैं, जिन्हें बच्चों को पढ़ाने अलग-अलग जगहों पर जाना होता है। इस पहल को लेकर वे कहती है कि स्ट्रीट लाइट लग जाने के कारण सड़कों पर निकलने पर अब उन्हें हिचकिचाहट नहीं होती है और वह खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं। 

बाला कहती हैं, "स्ट्रीट लाइट लग जाने से हम बहुत सेफ हैं। कहीं भी आने-जाने में अब हमें कोई परेशानी नहीं होती है और न ही टॉर्च जलाकर रास्ता पार करने की जरूरत पड़ती है।"

मुस्कान कहती हैं, "स्ट्रीट लाइट न होने की वजह से छेड़खानी के मामले ज्यादा देखने में आते थे। कोई फोन आदि छीनकर भाग जाए, तो उस शख्स को पहचानना मुश्किल होता था। लेकिन स्ट्रीट लाइट लग जाने की वजह से अब मैं खुद को बहुत सुरक्षित महसूस करती हूँ।"

संतोष कहती हैं, "स्ट्रीट लाइट लगवाने का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि अब यहाँ छेड़छाड़ नहीं होती है, क्योंकि बदमाशों को यह डर रहता है कि हम कैमरा में आ जाएँगे।" रीता शर्मा का भी यही कहना है कि अँधेरा होने की वजह से शराब पिए हुए या किसी अन्य तरह का नशा किए हुए लोग छेड़छाड़ को अंजाम देते थे। लेकिन स्ट्रीट लाइट लग जाने से महिलाओं की इस मुश्किल में काफी सुधार हुआ है।"