Today Gold-Silver Price: सोने की बढ़ी चमक! चाँदी का जानिए क्या हैं हाल, जाने आज का ताज़ा रेट...

Today Gold-Silver Price: Increased brightness of gold! Know what is the condition of silver, know today's latest rate...

 

अगर आप सोने में इनवेस्ट करने के बारे में सोच रहे हैं या अपने लिए सोने की ज्वैलरी खरीदना चाहते हैं, तो आपको खरीदारी से पहले आपकी जरूरत वाली सभी महत्वपूर्ण जानकारी यहां मिल सकती है। देश में 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने के लेटेस्ट प्राइसेज देखें और एक समझदारी वाला फैसला करने के लिए इनकी तुलना करें।

देश में आज सोने का दाम 24 कैरेट के लिए 59,650 रुपये और 22 कैरेट के लिए 54,640 रुपये है। सभी दामों को आज अपडेट किया गया है और ये इंडस्ट्री के स्टैंडर्ड के अनुसार हैं।

आज सोने-चांदी के दाम में (Sona Chandi ka Bhav)  उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। भारत में आज 22 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव 55,150 रुपये है।

बीते दिन 54,950 भाव था।  यानी दाम बढ़े हैं। वहीं, 24 कैरेट सोने की कीमत आज 60,150 रुपये प्रति 10 ग्राम है। बीते दिन 24 कैरेट सोने का दाम 59,930 रुपये थी।  आज दाम बढ़े हैं। 

लखनऊ में 22 और 24 कैरेट सोने के दाम


यूपी की राजधानी लखनऊ में आज 22 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम  55,150 रुपये है।  बीते दिन 54,950 भाव था। आज सोने के रेट बढ़े हैं। राजधानी में आज 24 कैरेट सोने का  रेट प्रति 10 ग्राम,60,150 जो कल  59,280 रुपये थी। यानी आज कीमत बढ़ी हैं। 

लखनऊ में एक किलो चांदी का भाव 


बात करें चांदी के रेट की तो सिल्वर की दरों में लखनऊ में आज बदलाव हुआ है। आज एक किलो चांदी का रेट 72,600। वहीं, ये दाम कल 72,600 रुपये प्रति किलो था। यानी चांदी के दाम स्थिर हैं। 

गाजियाबाद में 22 और 24 कैरेट सोने के दाम


गाजियाबाद में आज 22 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम 54,950 रुपये है। 24 कैरेट सोने का  रेट प्रति 10 ग्राम 59,930 है। 

भारत के बड़े शहरों में आज सोने के 24 कैरेट के दाम

 

अहमदाबाद

₹ 60,050    ₹ 55,050

अमृतसर

₹ 52,200    ₹ 47,850

बैंगलोर

₹ 60,050    ₹ 55,050

भोपाल

₹ 52,200    ₹ 47,850

भुवनेश्वर

₹ 60,000    ₹ 55,000

चंडीगढ़

₹ 60,150    ₹ 55,150

चेन्नई

₹ 52,285    ₹ 47,927

कोयंबटूर

₹ 60,650    ₹ 55,600

दिल्ली

₹ 60,150    ₹ 55,150

फरीदाबाद

₹ 52,150    ₹ 47,804

गुड़गांव

₹ 52,100    ₹ 47,758

हैदराबाद

₹ 60,000    ₹ 55,000

जयपुर

₹ 60,150    ₹ 55,150

कानपुर

₹ 52,290    ₹ 47,932

केरल

₹ 60,000    ₹ 55,000

कोच्चि

₹ 52,290    ₹ 47,932

कोलकाता

₹ 60,000    ₹ 55,000

लखनऊ

₹ 60,150    ₹ 55,150

मदुरई

₹ 60,650    ₹ 55,600

मंगलूरु

₹ 60,050    ₹ 55,050

मेरठ

₹ 52,275    ₹ 47,918

मुम्बई

₹ 60,000    ₹ 55,000

मैसूर

₹ 60,050    ₹ 55,050

नागपुर

₹ 60,000    ₹ 55,000

नासिक

₹ 60,030    ₹ 55,030

पटना

₹ 60,050    ₹ 55,050

पुणे

₹ 60,000    ₹ 55,000

सूरत

₹ 60,050    ₹ 55,050

वडोदरा

₹ 60,050    ₹ 55,050

विजयवाड़ा

₹ 60,000    ₹ 55,000

विशाखापट्टनम

₹ 60,000    ₹ 55,000

भारत में सोने के दाम पर प्रभाव डालने वाले कारण

सोने की भारत सहित दुनिया भर में इनवेस्टमेंट के लिए काफी डिमांड है। अन्य फाइनेंशियल एसेट्स की तरह, सोने के दाम में भी बदलाव होता है। इसका मार्केट प्राइस तय करने में सबसे बड़ा कारण डिमांड है। हालांकि, बहुत से अन्य कारणों से भी प्राइस पर प्रभाव पड़ सकता है। इन कारणों के बारे में यहां जानकारी दी जा रही है।

1. डिमांड

किसी अन्य कमोडिटी की तरह, डिमांड और सप्लाई का सोने के दाम पर बड़ा प्रभाव होता है। कम सप्लाई और अधिक डिमांड होने पर प्राइस में बढ़ोतरी होती है। इसी तरह सोने की अधिक सप्लाई और स्थिर या कमजोर डिमांड से प्राइस गिर सकता है। आमतौर पर, भारत में सोने की डिमांड त्योहार और विवाह के सीजंस में बढ़ जाती है।

2. इन्फ्लेशन

इन्फ्लेशन अधिक होने पर करेंसी की वैल्यू घट जाती है ऐसी स्थिति में, लोग धन को सोने में रखना पसंद कर सकते हैं। इससे सोने के दाम में बढ़ोतरी होती है। सोना एक प्रकार से इनफ्लेशन के खिलाफ हेज का काम करता है।

3. इंटरेस्ट रेट्स

सोने और इंटरेस्ट रेट्स का विपरीत जुड़ाव होता है। इंटरेस्ट रेट्स के बढ़ने पर लोग अधिक इंटरेस्ट हासिल करने के लिए सोने को बेचना पसंद करते हैं। इसी तरह, इंटरेस्ट रेट्स गिरने पर अधिक सोना खरीदा जा सकता है, जिससे डिमांड बढ़ती है। प्राइस गिर सकता है। आमतौर पर, भारत में सोने की डिमांड त्योहार और विवाह के सीजंस में बढ़ जाती है।

4. मॉनसून

भारत में सोने की डिमांड का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से आता है। यह डिमांड आमतौर पर अच्छे मॉनसून और बंपर फसल से मिलने वाले फायदे के बाद बढ़ जाती है।

5. सरकारी रिजर्व

बहुत सी सरकारों के पास फाइनेंशियल रिजर्व होते हैं जिनमें सोने की बड़ी हिस्सेदारी रखी जाती है। भारत में भी ऐसी ही स्थिति है। हालांकि, अगर यह रिजर्व सरकार की ओर से बेचे गए सोने की तुलना में बढ़ जाता है तो सोने के दाम में कम सप्लाई के कारण बढ़ोतरी होती है। भारत में इस रिजर्व को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बरकरार रखता है।

6. करेंसी में उतार-चढ़ाव्व

इंटरनेशनल मार्केट में सोने का ट्रेड डॉलर में होता है। इम्पोर्ट के दौरान, डॉलर को भारतीय रुपये में कन्वर्ट किया जाता है। इससे सोने के दाम में बदलाव होता है। आमतौर पर, अगर भारतीय रुपया कमजोर होता है तो सोने का आयात महंगा हो जाता है।

7. अन्य एसेट्स के साथ जुड़ाव

सोने का सभी प्रमुख एसेट्स के साथ कम या नकारात्मक जुड़ाव होता है। इस वजह से पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइ करने के लिए इसे बेहतर माना जाता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने से पोर्टफोलियो को वोलैटिलिटी से सुरक्षा मिलती है क्योंकि अन्य एसेट्स पर प्रभाव डालने वाले कारणों का सोने के दाम पर अधिक प्रभाव नही होता।

8. भू-राजनीतिक कारण

युद्ध जैसे भू-राजनीतिक कारणों से सोने की डिमांड बढ़ जाती है क्योंकि इसे फंड रखने के लिए सुरक्षित माना जाता है। ऐसी स्थिति होने पर अधिकतर एसेट्स के प्राइसेज पर नकारात्मक प्रभाव बोता है। हालांकि, सोने के दाम के लिए यह स्थिति सकारात्मक होती है।

9. ऑक्ट्रॉय चार्ज और एंट्री टैक्स

ऑक्ट्रॉय चार्ज और एंट्री टैक्स राज्यों में टैक्स अथॉरिटीज अपने अधिकार क्षेत्र में गुड्स के आने पर लगाती हैं। ऑक्ट्रॉय एक शहर में गुड्स के पहुंचने पर लगता है, जबकि एंट्री टैक्स एक राज्य में गुड्स के पहुंचने पर लगाया जाता है। इसके अलावा अगर सोने की वैल्यू 30 लाख रुपये से अधिक है तो वेल्थ टैक्स लगाया जाता है।

10. मेकिंग चार्ज

मेकिंग चार्ज आमतौर पर सोने की ज्वैलरी पर लगता है और यह डिजाइन और शहर के साथ ही प्रत्येक ज्वैलर के लिए अलग हो सकता है।

सोने की बाइंग गाइड

इनवेस्टर्स की लिस्ट में सोना सदियों से टॉप पर रहा है। यह भारत में इनवेस्टमेंट के सबसे लोकप्रिय एसेट्स में से एक है और इसे वित्तीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण जरिया माना जाता है।

इसके वित्तीय पक्ष के अलावा, यह कीमती मेटल बहुत सी संस्कृतियों में एक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है, जिससे इसकी मार्केट वैल्यू बढ़ती है।

मार्केट्स में डिजिटल सोना भी खरीदा जा सकता है लेकिन इसके बावजूद फिजिकल सोने का आकर्षक बरकरार है।

हालांकि, सोने में इनवेस्ट करना जटिल हो सकता है और इसके लिए कई कारणों पर ध्यान देने की जरूरत होती है। आपकी सोने की अगली खरीद में मदद के लिए यहां एक विस्तृत गाइड दी जा रही है।

सोने की शुद्धता

सोना खरीदने से पहले इसकी शुद्धता पर ध्यान देना जरूरी है, जिसे कैरेट में बताया जाता है और इसमें 24 कैरेट सबसे शुद्ध होता है। 24K सोना एक लचीले और लिक्विड प्रकार में होता है और मजबूत बनाने के लिए इसमें अन्य मेटल्स मिलाने की जरूरत होती है।

उदाहरण के लिए, 22k सोने में सोने के 22 पार्ट्स का एक मिक्स होता है, इसका मतलब है 91.6 प्रतिशत और अन्य मेटल के 2 पार्ट्स होते हैं। शुद्धता जितनी अधिक होगी, सोना उतना ही महंगा हो जाएगा।

सोने के प्रकार

फिजिकल सोने को सिक्के, बार और ज्वैलरी में खरीदा जा सकता है।

सोने के सिक्के:

कलेक्ट किए जाने वाले कुछ सोने के सिक्कों की मार्केट वैल्यू सोने के अन्य प्रकारों से अधिक होती है। हालांकि, इस खरीदारी से पहले ऑथेंटिसिटी की जांच करने में सतर्कता बरतनी चाहिए।

सोने के बार:

इनवेस्टमेंट क्वालिटी के बुलियन या सोने के बार का शुद्धता लेवल 99.5%-99.99% का होता है। आप यह जानकारी बार पर भार और मैन्युफैक्चरर के नाम के साथ देख सकते हैं।

सोने की ज्वैलरी:

यह सोने का सबसे लोकप्रिय प्रकार है और इसका सांस्कृतिक महत्व भी है। हालांकि, इसे पिघलाने के बाद की वैल्यू आमतौर पर वास्तविक प्राइस से कम होती है।

वास्तविक गोल्ड सर्टिफिकेशन

भारत में सोने की शुद्धता को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की ओर से हॉलमार्किंग के जरिए सर्टिफाइड किया जाता है। हॉलमार्क सोना खरीदने से इसकी शुद्धता के साथ ही वैध होने का भी आश्वासन रहता है।

सोने की प्रति ग्राम कीमत

मार्केट की मौजूदा स्थिति के आधार पर सोने के दाम में बदलाव होता रहता है। विश्वश्नीयता वाली वेबसाइट्स से सोने के दाम को नियमित तौर पर देखना चाहिए।

सोने के दाम में बढ़ोतरी या गिरावट का हमेशा सटीक अनुमान लगाना संभव नहीं है। इसके अनुमानित दाम के लिए आप ज्वैलर्स से संपर्क कर सकते हैं। अगर आप सटीक प्राइसेज को पक्का करना चाहते हैं तो ज्वैलरी में प्रेशियस स्टोन्स को जड़वाने से पहले दाम का अलग से वजन करवाएं।

बायबैक की शर्तें

सोने की ज्वैलरी के किसी पीस को प्रोड्यूस और डिजाइन करने की कॉस्ट को मेकिंग चार्ज कहा जाता है। इसे ज्वैलरी की फाइनल कॉस्ट में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लगाने से पहले जोड़ा जाता है।

कुछ ज्वैलर्स का मेकिंग चार्ज फिक्स्ड होता है, जो आमतौर पर 8-16 प्रतिशत रहता है। अन्य ज्वैलर्स यह चार्ज ज्वैलरी के कुल भार के एक विशेष प्रतिशत पर ले सकते हैं।

यह चार्ज डिजाइन और ज्वैलरी के मशीन से हाथ से बने होने के आधार पर अलग होता है।