Amazon देने वाला है बड़ा झटका, अगले महीने से भारत में बंद हो जाएगा Amazon...

Amazon is going to give a big blow, Amazon will be closed in India from next month.


 

पॉपुलर ई-कॉमर्स साइट Amazon अपनी एक सर्विस को बंद करने वाला है। इससे कई यूजर्स प्रभावित होंगे. Amazon India ने इसकी घोषणा कर दी है। अगले महीने से भारत में Amazon Food सर्विस को बंद कर दिया जाएगा।  

 

 

 

ये सर्विस 29 दिसंबर को बंद कर दी जाएगी। Amazon Food को साल 2020 में लॉन्च किया गया था। इस सर्विस को कंपनी ने कोरोना के समय पेश किया था।  इससे लोगों तक खाना पहुंचाया जाता था। कंपनी इसके जरिए Swiggy और Zomato को टक्कर देना चाहती थी।  इस सर्विस को बैंगलोर में पेश किया गया था। 

 

कंपनी का प्लान इसको दूसरे शहरों में भी पेश करने का था।  हालांकि, कंपनी ऐसा नहीं कर सकी।  अब Amazon Food सर्विस को बंद करने की घोषणा कर दी गई है। हालांकि, रेस्टोरेंट से कंपनी ने कहा है कि वो सभी पेमेंट और कॉन्ट्रैक्ट को पूरा करेगी। 

 रेस्टोरेंट ऐमेजॉन टूल्स और रिपोर्ट को 2023 तक इस्तेमाल कर सकते हैं। कंपनी इसके लिए पूरा असिस्टेंट 31 मार्च तक देगी।  Sanford C. Bernstein की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी का प्रॉफिट Flipkart के Walmart से कम हो रही है। 

छोटे भारतीय शहरों में कंपनी काफी ज्यादा संघर्ष कर रही है। इस वजह से कंपनी को ये फैसला लेना पड़ा।  इसको लेकर Amazon की ओर जारी एक स्टेटमेंट में बताया गया है कि हम लोग ऐसे डिसीजन को हल्के में नहीं लेते हैं।  

Bisleri Deal: कौन हैं जयंती चौहान, बिसलेरी के कारोबार को आगे बढ़ाने में क्या है उनका योगदान?

भारत के सबसे बड़े पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर ब्रांड बिसलेरी का सौदा होने वाला है।  कंपनी के चेयरमैन रमेश चौहान ने कहा है कि उनकी बेटी इस कारोबार को बढ़ाने की इच्छुक नहीं हैं, इसलिए उन्होंने इसे किसी और को सौंपने का फैसला किया है। उनके अनुसार उनकी बेटी जयंती चौहान की दिलचस्पी बिसलेरी के कारोबार में नहीं है।

इसलिए कंपनी के संचालन के लिए वे नए खरीदार की तलाशी कर रहे हैं। बता दें कि 37 वर्षीय जयंती चौहान बिसलेरी के वर्तमान सर्वेसर्वा रमेश चौहान की इकलौती बेटी है। उनकी उम्र 37 वर्ष है और वे बिसलेरी कंपनी की उपाध्यक्ष हैं।

मुंबई, दिल्ली और न्यूयॉर्क में बीता है जयंती का बचपन 



जयंती चौहान ने अपना बचपन दिल्ली, मुंबई और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में बिताया है। हाईस्कूल की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने लॉस एंजिल्स के एफआईडीएम (Fashion Institute of Design and Merchandising) से उन्होंने प्रोडक्ट डेवलपमेंट की पढ़ाई की है।

जयंती ने लंदन कॉलेज ऑफ फैशन से फैशन स्टाइलिंग और फोटोग्राफी की भी पढ़ाई की है। जयंती ने कई प्रमुख फैशन हाउस में इंटर्न के तौर पर काम भी किया है। उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (SOAS) से अरबी भी सीखी है।



24 वर्ष की उम्र में पिता के कारोबार में हाथ बंटाना किया शुरू

जयंती चौहान ने 24 वर्ष की उम्र में अपने पिता के साथ बिसलेरी के दिल्ली ऑफिस में कामकाज करना शुरू किया था। अपने शुरुआती दिनों ने जयंती ने बिसलेरी के प्लांट रिनोवेशन और ऑटोमेशन प्रोसेस पर ध्यान केंद्रित किया था।

उन्होंने कंपनी के मानव संसाधन विभाग (HR) के अलावे सेल्स और मार्केटिंग टीम में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए थे। वर्ष 2011 में जयंती दिल्ली से मुंबई शिफ्ट हो गईं। बिसलेरी के नए ब्रांड्स जैसे हिमालया के वेदिका नेचुरल मिनरल वाटर, फिजी फ्रूट ड्रिंक्स और बिसलेरी हैंड प्यूरीफायर कारोबार के संचालन में उनका अहम योगदान रहा। 



जयंती के पिता बोले- उनकी बेटी को इस कारोबार में रुचि नहीं 

बता दें कि बिसलेरी के मुखिया रमेश चौहान ने कहा है कि बिसलेरी को किसी और को सौंपना उनके लिए एक मुश्किल फैसला था पर उन्हें यह फैसला लेना पड़ा, क्योंकि उनके पास इसे आगे ले जाने के लिए उत्तराधिकारी नहीं है। उनकी बेटी को इस बिजनेस में रुचि नहीं है। बिसलेरी भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर बेचने वाली कंपनी है।


 

बिसलेरी का अधिग्रहण करेगी टाटा ग्रुप


टाटा ग्रुप को ही ब्रांड को सौंपने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि मैं टाटा समूह की ईमानदारी और जीवन मूल्यों को सम्मान करने वाली संस्कृति को पसंद करता हूं। यही कारण है कि अपने ब्रांड को सौंपने के लिए मैंने टाटा ग्रुप का चयन किया।

हालांकि इसे खरीदने के लिए दूसरे पक्ष भी बहुत दिलचस्पी ले रहे थे। टाटा ग्रुप के शीर्ष अधिकारियों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वे अच्छे लोग हैं, मैं उन्हें पसंद करता हूं। बता दें कि बीते कुछ समय में बिसलेरी के संस्थापक रमेश चौहान, टाटा सन्स के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन और टाटा कंज्यूमर्स के सीईओ सुनील डीसूजा के बीच कई मुलाकातें हो चुकी हैं।

साथ ही चौहान ने यह भी बताया कि वह बिसलेरी के टाटा समूह का हिस्सा बनने के बाद कंपनी में माइनॉरिटी स्टेक भी नहीं लेना चाहते हैं।