Madhubani News: वैदही कला परिषद द्वारा बड़े ही धूमधाम से मनाई गई पंडित कृष्णानंद मिश्र की पुण्य तिथि

सोलो तबला वादन से कार्यक्रम का शुभारंभ 
 

Madhubani News: मधुबनी-वैदेही कला परिषद् द्वारा संस्था के संरक्षक, इसके नींव पर संगीत का विशाल धरोहर खड़ा करने वाले, मधुबनी घराना को पुनर्जग्रान करने वाले स्व० पं० मिश्र की पुण्य तिथि बड़े ही धूम-धाम से हरिशंकर संगीत -महाविद्यालय में मनायी गई। हॉल पं० मिश्रा के शिष्य और प्रशंसक से खचा खच भरा हुआ था। कार्यक्रम का प्रारम्भ आशुतोष मिश्र के सोलो तबला वादन से हुआ । हारमोनियम पर पं. रविशंकर मिश्र कर रहे थे। बनारस घराने की शैली की की गई। श्रोताओं ने तालियों की गड़‌गड़ाहट से अभिवादन किया।

पुनः गोसाउनिक गीत जय जय भैरवी - कुमारी पूजा, चाँदनी झा , वैष्णवी मिश्र द्वारा प्रस्तुत किया गया । जनक नंदनी ठाकुर द्वारा "मिथिला के माटि सौं जन्म ली के  जगजननी सीया," चाँदनी झा राग विहाग में-" ऐ री ऐरी मोरा है भजन -सुमिरन कर ले मेरे मना," आर्यन झा द्वारा राग काफी में- ",मनुआ राम राम रस पीजे ,”गजल- "में हवा हूँ कहाँ वतन मेरा,” कुमारी पूजा - राग बागेसरी ,“ कौन करत तोरी विनती   ”, दादरा -“,नजरिया लग जायेगी”, वैष्णवी मिश्रा राग मालकोष में गीत-बलमा नहीं आये, राहुल झा द्वारा ,“मैं खयाल हूँ किसी और का”,हाथ में ले के मेरा हाथ, बीच बीच में तालियाँ बजाकर श्रोता झुमने लगे । कार्यक्रम में ईन्द्रधनुषी राग रंग बिखेर दिया। तबला पर आशुतोष मिश्रा, हारमोनियम पर प० रविशंकर मिश्रा संगत किये। 

दूसरे सत्र में स्व.पं०.कृष्णनंद मिश्र को श्रद्धांजलि विशिष्ट श्रोता द्वारा दी गई। संस्था के कोषाध्यक्ष कपिल देव झा ने कहा कि पं. मिश्र का संगीत में बहुत ही बड़ा योग दान है। साहित्यकार उदय जयसवाल ने कहा कि मिथिला में शास्त्रीय संगीत के प्रचार-प्रसार में वहुत ही योगदान है।

साहित्यकार रेवती रमण झा ने कहा कि पं० मिश्र का मैथिली गीत के प्रचार प्रसार में बहुत योग दान है। प्रखर वक्ता वेदा नन्द साह ने उनकी पूरी पूरी प्रशंसा की। लघु कथा के शिरोमणि चन्देश्वर खाँ ने उनके सादगी की प्रशंसा की।

साहित्यकार दया नन्द झा ने कहा कि संगीत के क्षेत्र में उनका वरदान हमें प्राप्त है। रिजिनल सेकेंड्री के निदेशक ने कहा कि स्व०मिश्र संगीत के क्षेत्र में पूरा बिहार तथा देश में हरिशंकर संगीत महाविद्यालय के कलाकारों की बहुत प्रसंसा हुई हैं ।अन्त में अध्यक्ष भोला नन्द झा ने कहा कि यह संस्था एक आश्रम की तरह जहा संगीत की श्रेष्ठ शिक्षा तथा अनुशासन है । आज सर्वश्रेष्ठ मिश्रा का शास्त्रीय गायन के क्षितिज पर हैं । 


कार्यक्रम का संचालन पं० रविशंकर मिश्रा,अध्यक्ष -भोला नन्द झा ,धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त सचिव श्री सन्नी कुमार ने किया।