Holi 2023: उड़ा दो आसमां में वो रंग, जिसमें मानवता, प्रेम, त्याग की अभिलाषा हो

 


उड़ा दो आसमान में वो रंग,
जिसमें मानवता, प्रेम, त्याग की अभिलाषा हो।
जनाब, हम उस होली की बात कर रहे हैं,
जिस भाव में हमारी संस्कृति सराबोर है।


जहां गंगा न जाने कितने रंगों को एक साथ धोती है 
जहां पर मां अपने बच्चों को छोड़ो ,
दूजे के लिए भी रोती है 
हमें उस रंग की अभिलाषा है ,

जिसमें सभी मिल एक साथ खुशी के गीत गाए।
एक गर दुखी हो तो, दूजे के
आंखों में आंसू आ जाए
उड़ा तो आसमान में वो रंग,
जिसमें मानवता, प्रेम, त्याग की अभिलाषा हो।


हरा रंग जहां बिखरे हरियाली छा जाए ,
लाल रंग जब लगे गाल पर सुर्ख होंठ हो जाए
केसरिया रंग जब उड़े आसमां पर ,
भगवा परचम वहां लहराए ।
चारों तरफ शिव ,कृष्ण, राम की जय जयकार 
उद्घघोष बेतहाशा हो ....


उड़ा दो आसमान में वो रंग ,
जिसमें मानवता , प्रेम,त्याग, की अभिलाषा हो।


                 ~ नीता सिंह